Shayari.....किसको मालूम था ...इस तरह बदल जाओगे....।।.....
तुम ..ना मौसम थे.. ना किस्मत..ना तारीख ....ना ही दिन, किसको मालूम था ...इस तरह बदल जाओगे....।।
तुम ..ना मौसम थे.. ना किस्मत..ना तारीख ....ना ही दिन, किसको मालूम था ...इस तरह बदल जाओगे....।।
तुझे क्या बताउ ऐ हमनशीँ मै तुझे चाह कर सँवर गई तेरे इश्क मे वो जुनुन था की हदो से गुजर गई।...
ना जाने किससे मोहब्बत की हमने,, तुझसे या तेरी यादों से......!!
महसूस करोगे.... तो कोरे काग़ज़ पर भी नज़र आएंगे ... हम अल्फ़ाज़ हैं ...... तेरे हर लफ़्ज़ में ढल जाएंगे ..🤝…
बंध गया था तुम्हारे संग मैं इशक के जाल मे... मशहूर कर दिया तुमने मुझे इस शायरी के दरबार में ....Md…
Kuch pabandi bhi laazimi hai dillaggi ke liye... Kisi se ishq agar ho to bepanah naa ho...
हजारों रातो में सिर्फ एक रात होती है, दिल को सुकून मिलता है जब तुमसे बात होती है.....
पलट कर देख कैसे लूँ.... कि तुम मेरे नहीं हो अब... ..... ... .. . जो अब मेरे नहीं हो तुम... पलट कर देख कैसे लूँ...
सुनो.... .. आज क़ुरबानी का दिन है.... .... ... .. . मुझ पर कुर्बान हो जाओ ना....
यूँ तो तैरने मे हो गए हैं माहिर हम.... .... ... .. . फिर भी डूब जाते हैं अक्सर आप के ख्यालो मे...!!
खूबसूरत तो खुदा ने तुझे बनाया ही बहुत, पर मुझे निगाह जो दी,ये गलत किया....
जब वो अपने हाथो की लकीरों मे...।..... मेरा नाम ढूंढ कर थक गये...... सर झुकाकर बोले "लकीरें" झूठ बोलती है.......…
हम भी जी सकते थे अगर मरते ना तुम पर 🌹
खुदा का शुक्र है की ख्वाब बना दिये, वरना तुम्हे देखने की तो हसरत ही रह जाती."...!!!💕
*नसीब मै कुछ रिश्ते अधुरें ही लिखें होते हैं* *लेकिन उन की यादें बहुत ख़ूबसूरत होती हैं* 🌹🌹🌹…
वक्त मिला उसे तो मुझे भी याद कर लेगा वो फुर्सत के लम्हो मे हम बहुत खाश है उसके लिए
छु जाते हो तुम मुझे हर रोज एक नया ख्वाब बनकर और लोग कहते है तुम मेरे करीब नही हो।
मैं तेरे नसीब की बारिश नहीं जो तुझ पे बरस जाऊ.;. तुझे तकदीर बदलनी होगी मुझे पाने के लिए..!!
💝चले आए हैं लिखने इश्क की दास्तां हम *किताबों में ही हम-तुम संग रह जाएंगे*💝 💖☝🏻🍁
तुम्हारी निगाहें बहोत बोलती हैं जरा अपनी आँखों पे पलके गिरा दो🌹
💓धड़कनो को बड़ा अच्छा लगता हैं,,, जब तुम कहते हो,,,,😍 🎼" तुम दिल की धड़कन में रहते हो,,,!😘🎼…
क्या थी मजबूरी तेरी, जो रस्ते बदल लिए तूने, . हर राज कह देने वाले, क्यों इतनी सी बात छुपा ली तूने "…
ले चलो इश्क को वहा तक जहा फिर कोई कहानी बने फिर कोई गालिब नज्म पढे फिर कोई मीरा दीवानी बने🌹
तीन ही शौंक है हमारे चाय शायरी और तुम!!!!!
मुझ से खुशनसीब है मेरे लिखे हुए ये लफ्ज, जिनको कुछ देर तक पढेगी निगाह तेरी।
कीजिये अपनी निगाहों को एक चेहरे पर पाबंद हर सूरत पर लुट जाना तौहीन ए वफ़ा होती है ।
कितना सरफिरा है यह____मेरा दिल भी जानेमन.... धड़कता मेरे लिए है और तड़पता सिर्फ तुम्हारे लिए....
गजब का जुल्म ढाया खुदा ने हम दोनों के उपर मुझे भरपुर इस्क दे कर तुम्हें बेइन्तहा हुस्न दे कर 🌹
*प्यार तो सिर्फ प्यार है-------* क्या पूरा----क्या आधा-------* *दोनों की ही चाहत बेमिसाल-------* *क्या मीरा----क्या राधा !!*…
बड़े ही ख़ूबसूरत हैं तेरे एहसास के धागे..!! बंधे..रहते..हैं..मुझसे..बिना बांधे..!!
जहाँ खोने को नहीं....* *खो जाने का मन करे वही प्रेम है....!!!!*
*मैं नही लिख पाऊंगा कुछ____✍* *लफ़्ज़ कम, इश्क़ ज्यादा है____✍*
*किसने कहा !* *बढती उम्र, सुंदरता को कम करती है,* *ये तो बस...* *चेहरे से उतरकर, दिल में आ जाती है..!!*...…
Aaj usne mujhe meri galati ki kuchh yun saja de di chhod ke jate waqt kah gye jab dard bardast ni hota to humse muhabbat hi kyun ki the…
नफरत भी करोगी तो आऊँगा तेरे पास, देख तेरे बिना रहने की आदत नहीं मुझे !!
वो जब सामने आये तो अज़ब हादसा हुआ, हर लफ्ज़-ए-शिकायत ने ख़ुदकुशी कर ली...
मुमकिन' नहीं है --------- #लिख_पाना ✍️ 'तुमको' इतने 'खूबसूरत' --------- तो #लफ्ज़ भी नहीं हैं, मेरे पास💓💓…
*तरक्की मिल रही है शायरी* *से हमें,* *तुम्हारा जिक्रर महंगा बिक* *रहा है ..* 🎀…
जो भी बयां करता हूं ...... मैं लिख देता हूं मैं तो तर्जुमान हूं ...... शायर तो आपकी आंखें हैं..😘…
आखिर क्यों रिश्तों की गलियाँ इतनी तंग हैं... शुरूआत कौन करे, यही सोच कर बात बंद है...
चलता था कभी हाथ मेरा थाम के जिस पर.. !! बहुत याद करता है वो रास्ता,, उसे कहना..!! 😢 😢 😢 😢 😢 😢 😢 😢 😢 😢 😢 😢
अहसान -ए-इश्क हम पर न कर ए-सनम, हम वो शक्शियत हैं जिस पर हजारों मरते हैं ॥
यह जरुरी नहीं मेरी हर बात तुम समझो, मगर जरुरी यह है की,तुम मुझे तो समझो।।....
मेरे आँसुओ की गवाही ना लेना.; तेरे ज़ुल्मो की कहानी बिखर जायेगी !!
ऐ जिन्दगी तेरे जज्बे को सलाम . पता है कि मँजिल मौत है फिर भी दौडे जा रही है।
जिस तरह चाहे नचा ले तू इशारे पे मुझे ए तकदीर...* *तेरे ही लिखे हुए अफ़साने का किरदार हूँ मैं....!!*
एक ऐसी मुलाकात की जरूरत है तुझसे की जुदाई नाम का दर्द हमेशा के लिए खत्म हो जाए.....
याद आयेगी हमारी तो बीते कल की किताब पलट लेना, यूँ ही किसी पन्ने पर मुस्कुराते हुए मिल जायेंगे हम…... …
Mein ek hath se puri duniya se lad sakta hu , Bas mere dusre hath mein tera hath hona chahiye.
ख्वाब ही ख्वाब……!!!…… कब तलक देखूँ……!!!…… काश तुझे भी..... इक झलक देखूँ……???……!!!………
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