Shayari ....हर सूरत पर लुट जाना तौहीन ए वफ़ा होती है ।......

कीजिये अपनी निगाहों को एक चेहरे पर पाबंद हर सूरत पर लुट जाना तौहीन ए वफ़ा होती है ।

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