Shayari......क़ाश एक शायरी कभी तुम्हारी क़लम से ऐसी भी हो जो मेरी हो,,मुझ पर हो और बस मेरे लिए हो.. …..Md

क़ाश एक शायरी कभी तुम्हारी क़लम से ऐसी भी हो जो मेरी हो,,मुझ पर हो और बस मेरे लिए हो.. …..Md

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