Shayari.....रोज़ वो खाव्ब मैं आते हैं गले मिलने को, मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है किस्मत मेरी…..Md

.रोज़ वो खाव्ब मैं आते हैं गले मिलने को, मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है किस्मत मेरी…..Md

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