Shayari.....मिलती है तस्सली मेरी रूह को तेरे साथ ऐसे, देती है सुकूँ ज़मीं को सावन की बरसात जैसे..!!...

मिलती है तस्सली मेरी रूह को तेरे साथ ऐसे, देती है सुकूँ ज़मीं को सावन की बरसात जैसे..!!....

0 टिप्पणियाँ