Shayari.....कोई ऐतराज़ नहीं है बिखरने से मुझको; तुम अगर अपनी बाहों में संभालने की ज़हमत करो !!

..कोई ऐतराज़ नहीं है बिखरने से मुझको; तुम अगर अपनी बाहों में संभालने की ज़हमत करो !!

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