Shayari ....भरी महफ़िल मे उनका ज़िक्र कर बैठे हम आज भी लोहे का ज़िगर कर बैठे ...।

भरी महफ़िल मे उनका ज़िक्र कर बैठे हम आज भी लोहे का ज़िगर कर बैठे ...।

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