Shayari....मैं सफर वहीं जिसकी मंजिल हो तुम मैं इंतहा वहीं जिसकी बेइंतहा हो तुम....!!!!....

मैं अक्स वहीं जिसकी पहचान हो तुम 
मैं इश्क वहीं जिसकी इबादत हो तुम..!!
 मैं सफर वहीं जिसकी मंजिल हो तुम 
मैं इंतहा वहीं जिसकी बेइंतहा हो तुम....!!!!...Md.

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