Shayari.....यूँ अपनी रूह की चादर में समेट रहे हो मुझे, एहसास हूँ~~ बिखर जाने दो आहों में मुझे~~Md

क्यूँ अपनी रूह की चादर में समेट रहे हो मुझे, एहसास हूँ~~ बिखर जाने दो आहों में मुझे~~Md

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