Shayari......रोज मुँह उठा कर चली आती ह यादे तेरी.........

रोज मुँह उठा कर चली आती ह यादे तेरी तुमने इन्हें बताया नही इतवार की छुट्टी होती है।....

0 टिप्पणियाँ