Shayari....आँख ना खुलती तो बस वो मेरी हो चुकी थी. . .

फिर से हो रही थी मौहब्बत उन्हैँ मुझसे. . . . गर आँख ना खुलती तो बस वो मेरी हो चुकी थी. . .

0 टिप्पणियाँ