Shayari...करीब आने की ख्वाहिश तो बहुत थी मगर,......

करीब आने की ख्वाहिश तो बहुत थी मगर, अब ये जान गये कि मोहब्बत फासलों में हैं...!

0 टिप्पणियाँ