Shayari....तेरे इंतज़ार में मैंने दहलीज पे अपनी आंखें रखी हैं।

❤️❤️❤️ कुछ दिन रखे हैं कुछ रातें रखी हैं तुझ संग बिताने को कुछ अपनी सांसें रखी हैं।


 कुछ धूप रखी है कुछ छांव रखी है तेरे इंतज़ार में मैंने दहलीज पे अपनी आंखें रखी हैं।


 कुछ बादल रखे हैं कुछ बारिशे रखी हैं तेरे साथ भीगने को मैंने कुछ प्यासे रखी हैं।



 कुछ अश्क रखे हैं कुछ शिकायतें रखी हैं तेरे सीने से लिपट कर कहने को बहुत से प्रीत के किस्से रखें हैं।



 इक पायल रखी है इक कंगन रखा है तेरे इश्क में सजने को टूटे आइने के सब हिस्से रखे हैं... ❤️❤️❤️

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