Shayari....रस्तों से चले आते हो ख़्यालों में.......

शहर के शहर बंद हैं, हर गली में नाकाबंदी है तुम पता नहीं किन रस्तों से चले आते हो ख़्यालों में.... 💕

0 टिप्पणियाँ