Shayari ......सिर्फ तुम...

 बात मन के भावों को लिखने की थी................

प्रेम लिखा....
प्रीत लिखी....
इश्क़ लिखा
मोहब्बत लिखी....
प्यार लिखा....
चाहत लिखी...

फ़िर लगा...

दो अक्षर ही काफ़ी थे मन की बात लिखने को..
फ़िर सब कुछ मिटाकर लिख दिया..

सिर्फ तुम...
                              




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